Wednesday, March 15, 2017

खंण्ड-4 स्वर्ग-नरक

सफर (खंण्ड-1/16 एक्सीडेंट)
सफर (खंण्ड-2/16 देवदूत)
सफर ( खंण्ड-3 उलझन)
सफर (खंण्ड-4 स्वर्ग-नरक)
सफर (खंण्ड-5 नया आयाम)
सफर (खंण्ड-6 समझ)
सफर (खंण्ड-7 धरर्ती पर वापसी)
सफर (खंण्ड-8 हे इश्वर अभी क्यों नही)
सफर (खंण्ड-9 कल्पना की उडान)
सफर (खंण्ड-10 संगीत)
सफर (खंड-11 इश्वर से मिलने की जिद्द)
सफर (खंड -12 नर्क का अहसाहस)
सफर (खंण्ड- 13 दर्द क्यों)
सफर (खंण्ड- 14 जीवात्मा)
सफर (खंण्ड- 15 पुनर्जन्म)
सफर (खंण्ड- 16 पुनर्जन्म केसे)

खंण्ड-4 स्वर्ग-नरक

मेने देखा किशन की मुस्कान चली गई. मै इस बारे मे तुमसे कोइ बात नही करना चाहता हू. यह मेरा काम भी नही है मै तो बस तुम्हे मदद देने के लिये हू की तुम्हारे साथ अभी जो कुछ हुआ है और आगे जो कुछ भी है उस बारे मे तुम्हारे सवालो का जबाब दू. और तुम्हे गाइड करू. तुम नर्क मे नही हो यह सच है. इसलिये फिलहाल इस बारे मे हम कोइ बात नही करेगे.
उसके इस जबाब से मुझे कोइ संतुष्टी नही हुई. मै पिछली जिंदगी मे इस बारे मे बहुत सजग था की मेरे से कुछ गलत ना हो जाये. पर लगता है अब इस नर्क के बारे मे बात करके कोइ मतलब नही जिस जगह अब मेरा जाने का सवाल नही है अब उस बारे मे बात क्यों की जाये.
तो यह नर्क नही है. तो इसका मतलब यह स्वर्ग है. मेने सही कहा ना.
हां तुम एसा बोल सकते हो
क्या मतलब की मै एसा बोल सकता हू !..देखो मे किसी नतीजे पर पहुचने से पहले यह पक्का कर लेना चाहता हू. इसलिये मेने यह तुम से सवाल दुबारा किया है
स्वर्ग एक व्यक्तिगत व्याख्या है
तो क्या यह नर्क नही है
नही यह नर्क नही है. किशन ने तुरंत जबाब दिया.
देखो मुझे ठीक से समझाओ,  मेने जो सवाल किया है उसका मुझे पक्का जबाब नही मिला है
किशन  ने मुझे शांत नजरो से देखते  हुये कहा, देखो तुम मर चुके हो यह सच है. और अब तुम्हे यह भी मालुम है की यह नर्क नही है. मुझ पर विशवास करो यह बहुत अच्छी बात है.
अगर तुम मुझ से पूछो तो यह सच मे बहुत बढी बात है, और तुमने अच्छी प्रोग्रेस की है .
ठीक है... ठीक है मेने अच्छी प्रोग्रेस की है. पर तुमने मेरी बात का अब तक जबाब नही दिया. की क्या यह स्वर्ग है. तुमने बस यह बोला की इस जगह को मे स्वर्ग कह सकता हू. पर मे इसे स्वर्ग केसे कह सकता हू जबकी मुझे इसमे कोइ खास बात नजर नही आ रही है.
तुमने पूछा क्या ये स्वर्ग है ...पर मुझे नही पता की स्वर्ग से तुम्हारा क्या मतलब है. मे तो यह चाहता हू की यह निर्णय तुम्हारा खुद का हो.
तो तुम नही बताने वाले की मे कंहा हू
नही...मे चाहता हू की यह निर्णय तुम खुद करो
ओके फाइन , कम से कम यह तो बता दो की मै टाइम और स्पेस मे अब कंहा हू ...क्या अब भी मे धरती पर हू या फिर किसी अनजान ग्रह पर?
मेरे सामने! किशन ने हंसते हुये कहा, मुझे मालुम है तुम्हे मुझसे इस समय चिढ हो रही है.
जो भी हो मे उसकी बांतो से पकने लगा. उसकी लाग लपेट वाली बातों को सुनकर मेरी इच्छा लम्बी सांस छोडने की हुई जो मे तब करता था, जब धरती पर पूरी तरह पक जाता था. पर इस समय वो भी नही कर सकता क्योंकी मे सांस ही नही ले रहा हू
एक बात पर मेने गोर किया की मुझे ना तो गुस्सा आ रहा है और ना ही निराशा हो रही है. अगर इस तरह कोइ मुझे धरती पर पकाता तो मे गुस्से से आग बबूला हो जाता.
इस समय मेरी फीलिंग पूरी तरह मेरे कंट्रोल मे है. धरती पर एसे मोकों पर बाहर से जरूर शांत बना रहता था पर अदंर गुस्से का लावा उबाल लेता था, इस समय एसा कुछ नही हो रहा है. पर जिज्ञास अब भी बनी हुई है.
ओके तुम भले ही मुझे यह ना बताओ की मे कंहा हू पर यह तो बताओ की यह सब क्या चल रहा है. चलो मान लो की मे मर गया हू अब मेरा धरती से कोइ वास्ता नही है. मेने सही कहा ना
यह सही है की तुम इस समय धरती पर नही हो
असल मे तुम इस समय एसे आयाम मे हो जिसका कोइ रेफरेंस नही है. तुम अब एक अलग सच्चाइ मे हो. तुम एसे आयाम मे हो जिसे तुम्हारा शरीर कभी प्राप्त नही कर पाता. बहुत से लोग उसे जीवन के बाद की स्थति कहते है. अभी इसे तुम नही समझ पाओगे, तुम कनफ्यूस हो जाओगे देखा नही स्वर्ग और नर्क ने भी तुम्हे केसा  कनफ्यूस कर दिया है. 

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