Monday, May 20, 2013

घुमक्कडी से आलोकिक आनंद






आज तनाव, दबाव व घोर कंपीटीशन में खुद फंसे आदमी के लिये जरूरी सुविधाओं की लम्बी लिस्ट है जिसे पाने के लिये हम् दिन रात पागल की तरह लगे रहते है और प्रकृति प्रांगण में उपलब्ध मुफ्त अलौकिक आनंद का रसपान करना भूल जाता है क्योंकी सुविधाओं के मामले में हम सब लकीर के फकीर हैं। हमें हर जगह हर तरह की सुविधाएं चाहिये। कुदरत ने हमें अनेक अनमोल व अद्वितीय सुविधाएं दी हैं। इनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता। दूसरे इन सुविधाओं का विकल्प भी नहीं है। इस बात को एक ट्रेकर ही अच्छी तरह समझ सकता है.

इसलिये भौतिक आराम को थोडे समय के लिये भूलकर व्यस्त जीवन से अपने लिये भी समय निकालकर प्रकृति के आंगन में सहज जीवन के निर्मल आनंद का कभी कभी सौम्य उत्सव मनाना ही चाहिये जिससे प्रकृति ने हमे जो अनमोल सुविधायें दी है उन्हे पहचान सके और सच्चे दिल से उसे सहजने का प्रयास करे.

हमारे शहर के आस पास फैली प्रदूषण मुक्त नयनाभिराम हरियाली, नीले खुले आसमान में पक्षियों की चहचाहट से भरपूर संगीतमय सुंदर पर्यावरण. प्राकृतिक के सबसे बडे HD TV .पर 7.1 sound system से भी कंही बेहतर वो भी सब कुछ सहज और मुफ्त में। इसलिये जीवन से बिजनेस, मोबाइल, अंधी प्रतियोगिता व कमरे मे लगे छोटे से HD TV चैनल्स को तिलांजलि देकर अपने ट्रेकर्स साथियों के साथ ट्रेकिंग का आनंद लेते रहना चाहिये। इस तरह की ट्रेकिंग हमें प्रकृति के करीब ले आती है। वन्य जन्तुओं की बहुरंगी दुनिया में पहुंचकर एक नवीन ताजगी का एहसास होता है और अपनी सारी थकान मिटाकर हम खुद को फिर से तैयार कर लेते हैं जीवन की संघर्षमय यात्रा के लिये।

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